Nizar Qabbani की कविता ‘मुहब्बत के हाशिए पर’: प्रेम की असंभवता और संवेदनशीलता की गहरी व्याख्या

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  • प्रकाशित: अगस्त 02, 2025

निज़ार कब्बानी की मशहूर कविता ‘मुहब्बत के हाशिए पर’ प्रेम की गहराइयों, असंभवता और खोए हुए मौकों के दर्द को बयां करती है। इस कविता में संवेदनशीलता और भावनाओं का ऐसा ताना-बाना बुना गया है जो पाठक के दिल को छू लेता है। प्रेम की नाजुकता और अधूरी चाहतों की पीड़ा को व्यक्त करती यह रचना अरबी साहित्य की अमर कृतियों में से एक है। 

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