देश में गायों को आधार कार्ड जारी करने की योजना पर खूब विवाद हुआ, इसे मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना बताया गया, लेकिन एनडीटीवी के हाथ जो दस्तावेज लगे हैं उनसे साफ होता है कि ये योजना 2013 में यूपीए के वक्त बनी थी. अगर इस योजना पर अमल हो जाता तो काफी हद तक गौवंश की तस्करी, और कथित गौरक्षकों की गुंडागर्दी पर भी लगाम लगाई जा सकती थी. देश में करीब 8.5 करोड़ दुधारू पशुओं को ये टैग जारी किया जाना था.