उत्तर प्रदेश में स्पेशल समरी रिवीजन (SIR) के पहले चरण के बाद मतदाता सूची में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में हर पाँच में से एक वोटर का नाम कट चुका है, जिससे सियासी हलचल तेज हो गई है। आंकड़ों के मुताबिक, 15.44 करोड़ मतदाताओं में से करीब 2.89 करोड़ नाम हटाए गए हैं, यानी लगभग 19% वोटर लिस्ट से बाहर हो गए हैं।
चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार:
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर बीजेपी को घेरते हुए ट्वीट किया कि:
“बीजेपी ने अपने ही वोट काट दिए हैं। दहाई का आंकड़ा पार नहीं कर पाएगी।”
उन्होंने दावा किया कि जिन 2.89 करोड़ वोटरों के नाम कटे हैं, उनमें से 85-90% बीजेपी के समर्थक थे। अखिलेश ने गणना करते हुए कहा कि अगर 85% मानें तो यह करीब 2.45 करोड़ वोट होते हैं।
403 सीटों के हिसाब से देखें तो हर सीट पर बीजेपी के 61,000 वोट कम हो सकते हैं। अखिलेश ने तंज कसते हुए कहा:
“वाजपेयी सिर ने बीजेपी को अपने खोदे गड्ढे में गिरा दिया है।”
अखिलेश ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी के नेता रात में बैठकर प्राइवेट कंपनियों के जरिए वोट बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही कैसे मान लिया कि चार करोड़ वोट उनके कट गए हैं?
अब बड़ा सवाल यह है कि जिन करीब तीन करोड़ लोगों के नाम कटे हैं, उसका नुकसान किस पार्टी को होगा? सभी राजनीतिक दल इस पर अपनी रणनीति बनाने में जुट गए हैं।
फरवरी में होने वाले चुनावों से पहले यह मुद्दा सियासी घमासान को और तेज कर सकता है।