NDTV से बात करते हुए NISAU (यूके) की सनम अरोड़ा ने कहा, "काफी दिक्कतें हैं हमारे स्टूडेंट्स के साथ. सबसे पहले तो इकोनॉमी डिस्टेंस है, हम स्टूडेंट्स के लिए ये काफी बड़ी रकम है 2 लाख रुपये. कुछ स्कॉलरशिप से आते हैं, कुछ महंगे-महंगे एजुकेशन लोन लेकर आते हैं. ऐसे में करीब 30-35 लाख रुपये स्टूडेंट्स का सालाना खर्चा होता है. उसके ऊपर आप 2 लाख रुपये कोरेंटिन का खर्चा लगा देंगे, वो भी इसलिए कि आप 10 दिनों तक एक होटल के अंदर बंद हो रहे हैं."
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