प्रधानमंत्री आवास योजना में भागीदारी के हिस्से को लेकर केंद्र और मध्यप्रदेश सरकार में ठन गई है. राज्य सरकार ने आवास बनाने में लक्ष्य तो कम कर ही दिया है, जो घर बन रहे हैं उसमें भी अपनी हिस्सेदारी लिखी जा रही है. विधानसभा चुनावों से पहले शिवराज सरकार ने घर-घर मोदी को महज़ नारा नहीं रहने दिया, प्रधानमंत्री आवास योजना में टाइल्स में दो तस्वीरें लगाकर इसे कई घरों में पहुंचाया भी. राज्य में सरकार बदली तो टाइल्स भी बदल गईं. सरकार का तर्क है चूंकि योजना में 60 फीसद रकम केन्द्र देता है, 40 फीसद राज्य, इसलिए घरों के बाहर अब भागीदारी का उल्लेख दीवार पर किया गया है.