पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में कानून मंत्री रहे कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार न्यायपालिका - "स्वतंत्रता के अंतिम गढ़" को "अपने हाथ में लेने" का प्रयास कर रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि अदालतें इसके खिलाफ दृढ़ता से खड़ी रहेंगी. जजों की नियुक्ति को लेकर जारी खींचतान को लेकर कपिल सिब्बल ने कहा कि वर्तमान कॉलेजियम प्रणाली की अपनी कमियां हैं, लेकिन सरकार को पूरी तरह स्वतंत्रता देना उपयुक्त तरीका नहीं है.