इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर कई सवाल उठाये जा रहे हैं. हालही में एक RTI में खुलासा हुआ है कि इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर सरकार ने ना तो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की बात सुनी और ना विपक्ष की. पत्रकार नितिन सेठी ने इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर हफपोस्ट इंडिया के लिए छह आर्टिकल लिखे हैं जिसमें इलेक्टोरल बॉन्ड की कमियां गिनाई हैं. नितिन सेठी ने बताया है कि इस बॉन्ड को लेकर सरकार कई बार झूठ बोली है. इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर हमारे सहयोगी सुशील महापात्रा ने ADR इंडिया के संस्थापक सदस्य जगदीप छोकर से बात की. जगदीप छोकर का कहना है कि इलेक्टोरल बॉन्ड में कोई पारदर्शिता नहीं हैं. इस बॉन्ड से सिर्फ सत्ताधारी पार्टी को ही फायदा होगा. जगदीप छोकर ने कई बिंदुओं पर बात की.