मुंबई यूनिवर्सिटी में छात्रों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है. पहले नतीजे कई महीनों की देर से घोषित हुए अब करीब 29 हजार छात्र चाहते हैं की उनकी कॉपी की फिर से जांच हो. ऑनलाइन मार्किंग प्रणाली में कई खामियां पाई गई हैं लेकिन भटकते छात्रों की सुनने वाला कोई नहीं.