मक्का मस्जिद धमाके में नौ लोगों की जान गई उसके गुनहगारों के पहचान अब शायद ही कभी हो. पहले मुस्लिम आतंकवाद के नाम पर गिरफ्तारियां हुईं तो फिर हिंदू आतंकवाद के नाम पर. लेकिन आज आए फैसले में स्वामी असीमानंद समेत सभी आरोपियों को सबूतों के अभाव में छोड़ दिया गया. इसी के साथ हिंदू आतंकवाद के नाम पर खड़े किए गए मुकदमों में से एक और मुकदमा दफ्न हो गया. आतंकवाद को लेकर चली आ रही सियासत और अलग-अलग सरकारों का दोहरे रवैये का भी पर्दाफाश हो गया. दोहरा रवैया इसलिए क्योंकि जैसे-जैसे सरकारें बदलीं, जांच एजेंसियां भी बदलीं और उनका रवैया भी बदलता चला गया.