चुनावी रेवड़ियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायक का गई है. याचिका में कहा गया है कि इससे राज्य के खजाने में गंभीर वित्तीय बाधाएं आ रही हैं और करदाताओं का पैसा बर्बाद हो रहा है. सुप्रीम कोर्ट आदेश दे कि चुनाव के समय समेकित निधि या सार्वजनिक निधि के अनुदान का दुरुपयोग न करें. घोषणा करे कि मतदाताओं को लुभाने के लिए चुनाव से पहले सार्वजनिक निधि से वादा/मुफ्त देना रिश्वतखोरी और अनुचित प्रभाव के बराबर है.