किसी को अंदाज़ा नहीं था कि जामिया की खबर सुनते ही देश की पचीसों यूनिवर्सिटी में छात्र और शिक्षक मार्च करने लगेंगे. पोस्टर बैनर लेकर खड़े हो जाएंगे. जेएनयू के छात्रों की तत्परता से ही जामिया को तेज़ी से समर्थन मिलना शुरू हो गया. वो रात को ही सड़क पर आ गए. दिल्ली विश्वविद्लाय में भी छात्रों ने जामिया के समर्थन में आवाज़ उठाई है. मैथ्स डिपार्टमेट के पास जामिया के समर्थकों और एबीवीपी के बीच झड़पें भी हुई हैं. लखनऊ के दारुल उलूम नदवातुल उलेमा के छात्र भी जामिया में हुई पुलिस हिंसा के समर्थन में रविवार रात को ही बाहर निकल कर प्रदर्शन करने लगे. मुंबई के टाटा इंस्टिस्टूयूट ऑफ सोशल साइंस के छात्र रातों रात ही बाहर आ गए और नारे लगाने लगे. मुंबई यूनिवर्सिटी में भी प्रोटेस्ट हुआ है. बनारस यूनिवर्सिटी, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस-बंगलुरू के संगठनों और छात्रों ने समर्थन जताया. आईआईटी मद्रास, आईआईटी बांबे, आलियाह यूनिवर्सिटी, जाधवपुर यूनिवर्सिटी, कोलकाता यूनिवर्सिटी और प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी, हैदराबाद में भी मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के छात्र छात्राओं ने भी बड़ी संख्या में प्रदर्शन किया है. पटना यूनिवर्सिटी मे भी विरोध हुआ और वहां हिंसक घटना भी हुई.