देश में आज भी कई ऐसे लोग हैं जो कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे सोने के लिए मजबूर हैं. सरकार हर साल दावे तो बहुत करती हैं लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही होती है. इनमें से कई ऐसे हैं जिनका कहना है कि रैन बसेरों में काफी गंदगी होती है और उनमें कई लोग शराब पीकर आ जाते हैं.