वो सात दिन - 65 साल पहले, अगस्त में...
वर्ष 1947 की 15 अगस्त को हिन्दुस्तान को आज़ादी मिली, लेकिन बंटवारे के दंश के साथ... ऐसा क्यों हुआ, कैसे हुआ, एनडीटीवी इंडिया ढूंढकर लाया है इनके जवाब... सो, इस खास पेशकश में आप देखेंगे 15 अगस्त से ठीक सात दिन पहले की कहानी...
हिन्द का बंटवारा, और महात्मा गांधी...
बंटवारे के दंश के साथ मिली थी हिन्दुस्तान को आज़ादी... इसमें महात्मा गांधी की क्या भूमिका रही, आइए देखते हैं एनडीटीवी इंडिया की खास पेशकश में...
जब 'लौहपुरुष' ने मनवाया लोहा...
आज़ादी के दिन से पहले सैकड़ों रियासतों में बंटे हुए भारत को कैसे 'लौहपुरुष' कहे जाने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल ने एक सूत्र में बांधा... देखिए, इस खास पेशकश में...
असली कहानी, कश्मीर के पेंच की...
भारत की आज़ादी से ठीक पहले, कश्मीर के तत्कालीन महाराजा हरि सिंह ने अंतिम समय तक यह तय नहीं किया कि वह भारत के साथ जाएंगे या पाकिस्तान के साथ...
...जब गायब कर दिए गए जिन्ना के भाषण
मोहम्मद अली जिन्ना ने पाकिस्तान बनवाया तो धार्मिक आधार पर था, लेकिन इसकी वजह से पैदा हुई जटिलताओं के मद्देनजर बाद में वह सभी धर्मों के लोगों के एक साथ रहने की ज़रूरत महसूस करने लगे थे...
क्या बुरी तारीख थी 15 अगस्त...?
हमारा देश बंटवारे के साथ 15 अगस्त, 1947 को आज़ाद हुआ था, लेकिन आज़ादी के जश्न की शुरुआत 14 अगस्त को ही हो गई थी... आइए, देखते हैं, क्या थी इसके पीछे की दिलचस्प कहानी...
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