सोनू सूद से यह पूछे जाने पर कि दान-पुण्य का काम करने पर आप कुछ लोगों में क्या बुरे बने? उन्होंने कहा कि पाप के चार हथियार होते हैं, अपेक्षा, निंदा, हत्या और श्रद्धा. इन हथियारों के सामने हारकर आप अच्छा काम करना बंद कर देते हैं और पाप जीत जाता है. मुझ पर कोई न कोई हथियार चल रहा है.