Etawah Yadav Kathavachak: उत्तर प्रदेश में राम कथा वाचक की पिटाई के मामले पर चल रही राजनीति के बीच, एनडीटीवी के साथ विशेष बातचीत में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि वे वर्ण व्यवस्था के समर्थक हैं. उन्होंने कहा कि शंकराचार्य के रूप में हम जो जिम्मेदारी निभा रहे हैं, उसके लिए वर्ण व्यवस्था को संरक्षित करना हमारा कर्तव्य है. अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने यह भी कहा कि मनुस्मृति संविधान से भी बड़ी है और मनुस्मृति ही पूरी दुनिया का संविधान है. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि संविधान भेदभाव कर रहा है, देश में आरक्षण को खत्म कर देना चाहिए.हालांकि साथ ही उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के अनुसार 4 वर्ण है और कोई किसी से कम नहीं है