2018 में कर्नाटक में एक कानून पास हुआ, जिसके मुताबिक अगर कहीं कोई रोड एक्सिडेंट होता है और कोई शख्स उसको अस्पताल लेकर जाता है तो पुलिस या अस्पताल वाले उस शख्स को अपनी पहचान बताने के लिए मजबूर नहीं कर सकते. इसके बावजूद 50 फीसदी विक्टिम की मौत इसलिए हो जा रही है कि वक्त पर उनको मदद नहीं मिलती. कर्नाटक हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील बीटी वेंकटेश ने इस पर एनडीटीवी से बात की.