एक पुराना फिल्मी गीत है 'मन की प्यास मेरे मन से ना निकली, ऐसे तड़पूं की जैसे पानी बिन मछली'. रेडियो पर जब इन गानों की फरमाइश होती थी तो बताया जाता है कि गीतकार हैं मजनूं सुल्तानपुरी और आवाज दी है लता मंगेशकर ने. इन दिनों बंगाल की सियासी गलियारों में ऐसे तड़पूं की जैसे पानी बिन मछली' की फरमाइश ऐसे कई नेता कर रहे हैं जो चुनाव के पहले टीएमसी छोड़कर बीजेपी में चले गये थे. सियासी मछलियों के लिए सत्ता में होना सत्तारुढ़ दल में होना जल में होने जैसे होता है...