नागरिकता कानून के खिलाफ आवाज उठाने वाले पिंजड़ा तोड़ के कार्यकर्ताओं और स्टूडेंट्स एक्टिविस्ट करीब एक साल तक जेल में रहने के बाद अब बेल पर रिहा होने वाले हैं. एक साल में बहुत कुछ हुआ. दुनियाभर में महामारी फैल गई, और उस महामारी में उनमें से एक नताशा नरवाल के पिता को अपना शिकार भी बना लिया. एक साल बाद जब दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को सख्त टिप्पणी के साथ बेल दी, तो दिल्ली पुलिस ने कुछ दूसरी कार्रवाई का हवाला देते हुए उन्हें दो रात और जेल में रखा. दिल्ली पुलिस हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट रूख कर चुकी है. लेकिन फिलहाल हाईकोर्ट के दखल के बाद ट्रायल कोर्ट ने भी दिल्ली पुलिस को बेल के तहत रिहाई का आदेश दे दिया है.