शुक्रवार को लोकसभा में मानवाधिकार संरक्षण संशोधन बिल पास हो गया. इस संशोधन के बाद राष्ट्रीय और राज्य मानवाधिकार संस्थाओं के चेयरमैन का कार्यकाल 5 साल से घटा कर तीन साल कर दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट के रिटायर चीफ जस्टिस के अलावा चीफ जस्टिस भी आयोग के अध्यक्ष बन सकेंगे. राज्यों में हाईकोर्ट के पूर्व जज को यह मौका मिलेगा. इसी बहस में हिस्सा लेते हुए पूर्व मंत्री और मौजूदा बीजेपी सांसद सतपाल सिंह ने एक बार फिर कहा कि इंसानों की विकास यात्रा बंदरों से शुरू नहीं हुई है. हम ऋषियों की संतान हैं. उन्होंने यह भी कहा कि भारत की परंपरा में मानव अधिकार पर ज़ोर नहीं था. संस्कार पर ज़ोर था.