लोकतंत्र की हत्या वो हत्या जो अपनी अपनी राजनीति के हिसाब से होती है. यह एक सच्चाई है कि लोकतंत्र की हत्या होती है. कई प्रकार से होती है. आज हम जिस हत्या की चर्चा करने जा रहे हैं वो राज्यपाल द्वारा की जा रही, की जा चुकी और आगे भी की जाने वाली लोकतंत्र की हत्या है. राज्यपाल लोकतंत्र की हत्या करता भी है और उसे हत्या से बचाता भी है. आप कहेंगे कि लोकतंत्र की हत्या के लिए भला कोई राज्यपाल क्यों बनेगा? तो आपको बता दूं कि एक चुनी हुई सरकार गिर सकती है. लेकिन एक गलत फैसला लेने वाला राज्यपाल गिर नहीं सकता, कोई हटा नहीं सकता. ऐसा नहीं है कि कोई राज्यपाल बनने के बाद ही लोकतंत्र की हत्या करे, ऐसे लोग भी राज्यपाल बनते हैं जो बनने से पहले अपने पदों पर रहते हुए लोकतंत्र और इंसाफ की हत्या कर चुके होते हैं.