अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को झूठों का सरदार घोषित करने से पहले अपने आसपास झांक कर देख लें , कि कोई दूसरा तो नहीं है? मानव सभ्यता के इतिहास में तो झूठ बोलने वाले बहुत हुए, मगर ट्रंप का अपना मुकाम है. ट्रंप के हर झूठ की गिनती की गयी. भारत में झूठ की खेती का मुहावरा तो सुना था लेकिन झूठ की गिनती का नहीं. 2016 में ट्रंप के राष्ट्रपति बनने में झूठ का अहम योगदान रहा था. उसके बाद से दुनिया में चुनावों में झूठ को लेकर सतर्कता बढ़ी है, भारत को छोड़कर.