रवीश कुमार का प्राइम टाइम : झंडा ऊंचा रहे हमारा, लेकिन यूक्रेन से लौटा छात्र क्या करे बेचारा? | पढ़ें
प्रकाशित: जुलाई 25, 2022 09:00 PM IST | अवधि: 39:17
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झंडा खादी का हो या पॉलिएस्टर का, यह सवाल तो है ही है लेकिन क्या इतने कम समय में 20 करोड़ झंडे का उत्पादन, वितरण, विक्रय वगैरह सब हो जाएगा, बिलकुल हो सकता है. लेकिन इस समय कई निर्माताओं का कहना है कि अचानक आए ऑर्डर को पूरा करने के लिए ना तो सामग्री है ना पूंजी है.