महंगाई के सपोर्टर को दुनिया की कोई ताकत नहीं समझा सकती है कि देश में महंगाई है और जनता की कमर टूट गई है. व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी के इस राजनीतिक और सामाजिक उत्पाद पर किसी की नज़र भले न पड़ी हो लेकिन महंगाई से परेशान जनता को पता है कि महंगाई के इन सपोर्टरों के सामने महंगाई की बात करना, अपनी परेशानी और बढ़ाना है.