देश की दिग्गज ई कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट के सीईओ बिन्नी बंसल ने गंभीर किस्म के निजी दुराचरण के आरोप पर अपने पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है.यह दुराचरण किस तरह का था, यह साफ़ नहीं है. सिर्फ 6 महीने पहले कंपनी का वालमार्ट ने अधिग्रहण किया था. ये 16 बिलियन डॉलर की डाल थी. बिन्नी बंसल ग्रुप सीईओ के तौर पर बने हुए थे हांलाकि उनके पार्टनर और कंपनी के सह संस्थापक सचिन बंसल ने इस्तीफा दे कर वॉलमार्ट को अपनी पूरी 5.5 फीसदी हिस्सेदारी बेच दी थी.वालमार्ट के बयान के मुताबिक कल्याण कृष्णमूर्ति बतौर सीईओ काम करेंगे.अगस्त में ही वालमार्ट ने कंपनी की 77 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण पूरा हो गया. दो दोस्तों ने स्टार्ट अप की शुरूआत तब की जब भारत में कोई सोच भी नही रहा था कि ऑनलाइन दुकानें पारंपरिक बाजार को टक्कर दे सकती है. हम किसी भी तौर पर बंसल से सहानुभूति नही रखते ना ही उनका बचाव कर रहे हैं, उन पर के निजी दुराचरण का आरोप है. लेकिन हां बंसल की कहानी भारत के स्टार्ट अप की कहानी है. बंसल के कंपनी से बाहर निकलने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं.रणनीति का पूरा एपिसोड देखिए नग़मा सहर के साथ.