ई-कॉमर्स कंपनियों का ऑनलाइन बाज़ार इन दिनों ग्राहकों को भारी छूट दे रहा है. ऑनलाइन ख़रीदारी करने वाले ग्राहक यहां हर तरह के प्रोडक्ट की क़ीमतों पर 30-40 से लेकर 80 फ़ीसदी तक छूट हासिल कर रहे हैं. यानी एक तरह से ग्राहकों के लिए ये त्योहारी सीज़न ऑनलाइन शॉपिंग की लॉटरी खुलने वाला सीज़न साबित हो रहा है, लेकिन सवाल भी यहीं से शुरू हो रहा है कि क्या ई कॉमर्स की दिग्गज कंपनियां भारतीय क़ानूनों का पालन कर रही हैं? एमेज़ॉन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियां तमाम तरह के प्रोडक्ट्स की क़ीमतों पर भारी-भरकम छूट आख़िर दे कहां से रही हैं? आख़िर क्यों वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से घरेलू बाज़ार के कारोबारियों ने इन ई-कॉमर्स कंपनियों के ख़िलाफ़ शिकायत की है?