हमारे सांसद बहस करने में तो माहिर हैं ही लेकिन बहस पर बहस कैसे की जाती है ये गुरुवार को राज्यसभा में दिखा जब घंटों तक इस बात पर चर्चा हुई कि किसानों की बदहाली पर कैसे चर्चा हो। सभापति हामिद अंसारी ने विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद और दूसरे सांसदों की ओर से दिए गए काम रोको प्रस्ताव नोटिस को स्वीकार कर किसानों की दुर्दशा पर बहस की इजाज़त दे दी, लेकिन सांसद बड़ी देर तक ये ही तय नहीं कर पाए कि बहस किस नियम के तहत हो और किस पार्टी से कौन-कौन बोले।