गाय का मामला आते ही अच्छे-अच्छे राजनीतिक दलों की ज़ुबान कांपने लगती थी, मगर गुजरात के दलितों ने जो किया उससे यह घटना और भी बड़ी और ऐतिहासिक हो जाती है। दलित समाज ने ट्रकों पर मृत गायों को लादा और सुरेंद्रनगर के कलेक्टर के दफ्तर में जाकर छोड़ आए कि हम अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। गाय जिनकी माता लगती है वो करेंगे।