जिन लोगों ने सपना देखा था कि वे सौ रुपया लीटर पेट्रोल भरा लेंगे लेकिन विरोध नहीं करेंगे,आज उनका सपना पूरा हो चुका है. इन समर्थकों को लोगों ने हल्के में लिया था, आज उन्होंने वाकई साबित कर दिया है कि ऐसे ही टंडेली करते हुए व्हाट्स एप में मैसेज नहीं भेज रहे थे. पेट्रोल का 106 रुपये लीटर के पार चले जाना तीनों प्रकार से अहम है. ऐतिहासिक भी है, अकल्पनीय भी है और अभूतपूर्व भी है. ऐतिहासिक को लेकर उतनी चिन्ता नहीं होगी क्योंकि इतिहास का सिलेबस चुटकी में चेंज हो जाता है अगले साल लिख दिया जाएगा कि जब देश में पेट्रोल पांच रुपये लीटर मिल रहा था, तब विपक्ष सौ का बताकर विरोध कर रहा था और देश की तरक्की में रोड़े अटकाए थे. मई से लेकर अभी तक पेट्रोल डीज़ल के दाम 23 बार बढ़े हैं तब जाकर पेट्रोल सौ रुपया हुआ है. ये वाला डेटा तो ज़रूर अकल्पनीय और अभूतपूर्व होगा.