रवीश कुमार का प्राइम टाइम : विकास की चांदनी रात में महंगाई की धूप सताती है...

अखबारों के हेडलाइन में जीडीपी के आंकड़े हीरा-मोती की तरह चमक रहे हैं. उल्लास बनता लग रहा है कि कोविड के पहले आसमान में जिस ऊंचाई पर विकास का गुब्बारा उड़ रहा था, उसे अब छू लिया गया है. यानि रिकवरी होने का अनुमान है. 2021-22 में  विकास दर के 8.7 फीसदी रहने की जय-जयकार है, लेकिन जयकार के नीचे हल्की हाहाकार है.

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