वित्त वर्ष 2020-21 का आखिरी दिन 31 मार्च 2020. शाम होते-होते खबर आई कि केंद्र सरकार ने लघु बचत पर ब्याज दरों में कटौती का फैसला किया है. खबर मिलते ही इसका विरोध भी होने लगा. सरकार को चुनावी सरगर्मियों के बीच इसका इल्म हुआ तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण खुद सामने आई और इसे भूल बताते हुए फैसला वापस लिए जाने की बात कही. बता दें कि सरकार ने लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) और एनएससी (राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र) समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में 1.1 प्रतिशत तक की कटौती की थी.