NEET को लेकर छात्रों की आशंका इस साल को लेकर नहीं है। अगले साल को लेकर भी है कि कहीं यह अध्यादेश नीट की व्यवस्था को समाप्त करने का तरीका तो नहीं है। उनकी समस्या ये है कि प्राइवेट मेडिकल अपनी परीक्षा तो ले लेते हैं मगर उनके यहां बहुत सी सीटें नॉन रेज़िटेंड इंडियन के नाम से रख दी जाती हैं। ये सीटें बाद में अमीर और पहुंचवालों के बच्चे ख़रीद लेते हैं और डॉक्टर बन जाते हैं। कहीं कहीं एक-एक करोड़ का डोनेशन चलता है।