प्राइम टाइम इंट्रो : नए पीएम के साथ सांप्रदायिक हिंसा में वृद्धि हुई है?

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  • प्रकाशित: अगस्त 13, 2014
ऐसा क्यों होता है कि सांप्रदायिकता पर होने वाली बहसें तर्कबुद्धि की काबिलियत का प्रदर्शन बन कर रह जाती है। इस बहस में लोग एक दूसरे से जीतने का प्रयास करने लगते हैं। बहस में तो कोई न कोई जीत जाता है मगर सांप्रदायिकता से ये विजेता हार जाते हैं। सबके पास कारण है। सबके पास नाम हैं। किसी के पास समाधान नहीं है। समाधान का साहस नहीं है।

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