हमारे नेता कैसे बात करते हैं. इससे एक-दूसरे का मुकाबला कर रहे हैं या भारत की राजनीति को समृद्ध कर रहे हैं. भारतीय राजनीति बयान आधारित है. हम और आप भी नेताओं का मूल्यांकन हम विचार कम डायलॉगबाजी से ज्यादा करते हैं. इसी पर ताली बजती है, यही हेडलाइन बनती है. टीवी की भाषा भी पत्रकारिता की कम, सीरियल की ज्यादा हो गई है. इससे आप दर्शकों को बहुत नुकसान है.