सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न कंपनियों को 1993 से आवंटित किए गए 218 कोयला ब्लॉकों में से 214 के आवंटन रद्द कर दिए। प्रधान न्यायाधीश आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली तीन-सदस्यीय खंडपीठ ने सिर्फ चार कोयला ब्लॉकों का आवंटन रद्द नहीं किया।
लेकिन इस फैसले पर अदालत के फैसले के सम्मान से ज्यादा राजनीतिक हलचल क्यों नहीं हैं। क्या आप सुन पा रहे हैं कि कोई राजनीतिक दल मांग कर रहा हो कि दोषी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।