आज के इंडियन एक्सप्रेस में मुदित कपूर और शामिका रवि ने एक लेख लिखा है. इस लेख में गृहमंत्रालय के आंकड़े के हवाले से बताया गया है कि यूपी में मात्र 62 प्रतिशत लोगों के ही जन्म प्रमाण पत्र बने हैं. जबकि बिहार में मात्र 74 प्रतिशत लोगों के ही जन्म प्रमाण पत्र हैं. अब अगर नए होने वाले सर्वे में जन्म प्रमाण पत्र मांगा गया तो बड़ी आबादी जन्म प्रमाण पत्र बनवाने में लग जाएगी. बल्कि अभी से होने लगा है. हापुड़ और बुलंदशहर के कई मुस्लिम इलाकों में लोग अपने कागज़ात जमा करने लगे हैं. सरकार कह रही है कि घबराने की ज़रूरत नहीं है लेकिन शायद लोग यह सुनना चाहते हैं कि सरकार यह कहे कि किसी से जन्म प्रमाण पत्र या माता पिता के जन्म स्थान के बारे में नहीं पूछा जाएगा. लोग एनआरसी के डर से काम धाम छोड़कर अपना प्रमाण पत्र बनवाने में लग गए हैं.