ओलंपिक (Paris Olympics 2024) में भारतीय हॉकी टीम (Indian Hockey Team) का स्वर्णिम इतिहास रहा है. एक समय ऐसा था जब भारतीय हॉकी का जलवा पूरे विश्व पर था, लेकिन टोक्यो ओलंपिक से पहले के कुछ साल ऐसे थे जब यह टीम अपने प्रदर्शन में लगातार उतार-चढ़ाव से गुजर रही थी. टोक्यो ओलंपिक का ब्रॉन्ज मेडल भारतीय हॉकी टीम के लिए एक बड़ी उपलब्धि था.अब, पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी की पुरानी धाक फिर नजर आ रही है. भारतीय हॉकी टीम ने रोमांचक क्वार्टर फाइनल मैच में ग्रेट ब्रिटेन को हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई. हॉकी टीम की इस जीत के बाद उम्मीद की जा रही है कि मेडल का कलर बदलेगा. हॉकी में गोल्ड मेडल को लेकर भी अपेक्षाएं बढ़ चुकी हैं. क्वार्टर फाइनल में भारत की जीत का श्रेय गोलकीपर श्रीजेश को जाता है, जिन्होंने पेनल्टी शूट आउट में 2 गोल रोक कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया. भारत को गोल्ड जिताने के लिए वह शख्स भी दिन-रात मेहनत कर रहा है जो भारत की साल 2011 की वनडे वर्ल्ड कप के जीत का अहम हिस्सा था. बात हो रही है पैडी अप्टन (Paddy Upton) की. उनसे बात की हमारे संवाददाता विमल मोहन ने.