पुलवामा हमले के बाद राष्ट्रवाद की राजनीति में ये सवाल दब गया कि क्या सरकार ने शहीदों के परिवारों से किए गए वादों को पूरा किया. इसकी हकीकत जानने के लिये NDTV ने CRPF के शहीद जवान मानेश्वर बासुमतारी के गांव का दौरा किया जो असम के तामुलपुर में है. गुवाहाटी से तकरीबन 80 किलोमीटर दूर इस गांव में मानेश्वर बासुमतारी की आदमकद प्रतिमा स्थापित की जा रही है, ठीक उसी जगह पर जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया था. मानेश्वर बासुमतारी पुलवामा में शहीद 40 जवानों में से एक थे. CRPF के अफसरों और जवानों ने उनको अपनी श्रद्धांजलि दी. मानेश्वर के परिवार, दोस्तों और गांव वालों ने उनकी याद बनाए रखने के लिए फाइबर ग्लास की ये प्रतिमा लगवाई है जिस पर 10 लाख की लागत आई है. पुलवामा हमले को लेकर अति राष्ट्रवाद की राजनीति के बीच उनका ये प्रयास काबिल-ए-तारीफ़ है. इन लोगों ने मेमोरियल बनवाने के लिये सरकार का इंतज़ार नहीं किया. मानेश्वर के परिवार को एक मुश्त 20 लाख की मदद का वादा किया गया था. साथ ही उनकी बेटी को सरकारी नौकरी और बेटे की पढ़ाई का खर्च देने की भी बात थी. और ये सारे वादे पूरे हो चुके हैं.