सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश के बाद अब से देश के मुख्य न्यायाधीश का कार्यालय भी सूचना के अधिकार के तहत आएगा. यह फैसला सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की पीठ ने दिया है. इसी साल चार अप्रैल को कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. बता दें कि चीफ जस्टिस के दफ्तर को RTI के तहत लाने को लेकर 2010 में पहली बार याचिका दायर की गई थी. सबसे दिलचस्प बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट खुद अपने केस की सुनवाई कर रही थी. इस केस क्या कुछ खास है इसे लेकर RTI कार्यकर्ता निखिल डे से बात की हमारे सहयोगी सुशील महापात्र ने.