मुंबई में दफ्तरों के बाहर ठेले और रेहड़ी पर खाने-पीने की चीज़ें बेचने वाले रेहड़ीवालों के ग्राहकों में एक महीने बाद भी 50 फीसदी की कमी बनी हुई है.
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