किसी भी कर्मचारी के लिए भविष्य निधि उसके सपनों की बुनियाद होती है। बेटी की शादी, मकान खरीदना या बनवाना या फिर किसी बीमारी की हालत में इलाज के लिए वो हर महीने पाई-पाई जोड़ता है। लेकिन सरकार ने अब इस भविष्य निधि पर मिलने वाले ब्याज के 60 फीसदी हिस्से को टैक्स के दायरे में ला दिया है, जिससे कर्मचारी वर्ग ना सिर्फ नाराज़ है बल्कि इसे अपने सपनों में सेंधमारी करार दे रहा है।