नीरज चोपड़ा बचपन में बहुत मोटे थे..मोटापा कम करने के लिये दौड़ना शुरु किया.. औऱ फिर ऐसा तेज़ दौड़ने लगे कि रास्ते में आने वाले हर बड़े पड़ाव के गोल्ड मैडल अपनी झोली में डालते जा रहे हैं। 25 साल की उम्र में जैवलिन की दुनिया के हर मंच पर भारत का तिरंगा सबसे ऊँचा लहरा चुके हैं। नीरज ने सब तो जीत लिया .. अब उनके खेल जीवन का कोई उद्देश्य बचा है? उनके लिये क्या कोई प्रेरणा है? जानिये हम भारत के लोग की इस खास रिपोर्ट में .