भारतीय हॉकी टीम दूसरी बार चैंपियंस ट्रॉफ़ी का सिल्वर जीतकर वापस आई, लेकिन मीडिया में हेडलाइन्स नहीं बना सकी. हालांकि कोच हरेंद्र सिंह को इस सब की चिंता नहीं है. वो टीम को एशियाड के गोल्ड की ओर ले जाना चाहते हैं और तैयारी में कोई कमी नहीं है. लेकिन फ़ीफ़ा वर्ल्ड कप पर उनकी भी नज़र है और उनका दांव बेल्जियम पर है. कोच हरेंद्र सिंह ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि 1980 के बाद भारतीय हॉकी के लिए यह स्वर्णिम समय है.