महिलाओं के स्वास्थ्य में योगदान के लिए डॉ. त्सेरिंग लैंडोल को पद्म श्री (2006) और पद्म भूषण (2020) मिला हुआ है. लद्दाख की पहली स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में डॉ. लैंडोल बच्चे के जन्म के दौरान स्वच्छता के महत्व पर जोर देती हैं. उनके सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक थी लद्दाख की महिलाओं के बीच संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित करने के लिए वर्जनाओं को तोड़ना और मानसिकता बदलना. शुरुआत में, डॉ. लैंडोल को महिलाओं को संस्थागत प्रसव और मातृ स्वास्थ्य की आवश्यकता के बारे में शिक्षित करना था और महिलाओं द्वारा अपनी स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में बात करने से जुड़े सामाजिक कलंक को मिटाना था. महिलाओं, विशेषकर गर्भवती महिलाओं के लिए स्वच्छता और पोषण के बारे में व्यावहारिक रूप से कोई जागरूकता नहीं थी.