प्रकाशित: अक्टूबर 03, 2017 06:48 PM IST | अवधि: 3:39
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आर्थिक तंगहाली से जूझ रहे दिल्ली नगर निगम को उसके सुस्त अधिकारियों के चलते करीब पांच सौ करोड़ रुपए की चपत लगी है. हालांकि, निगम के कमिश्नर ने इसका ठीकरा नोटबंदी और जीएसटी पर फोड़ा है, लेकिन निगम को ये चपत सड़कों पर चल रहे भ्रष्टाचार से लगी है.