Mathura News: बात समाज के एक डबल स्टैंडर्ड की।कहानी यूपी के वृंदावन की है। मथुरा के डीएम और एक भिखारी के बीच संवाद है। संवाद हमारे सिस्टम और समाज की समझ पर सवाल खड़े करता है। किसी भी धर्म में संत के लिए भिक्षा श्रेष्ठ धर्म है।बौद्ध धर्म में तो संत को भिक्षुक भी कहते हैं। लेकिन हमारे समाज में भीख पर जीने वाले भिखारी को बुरा मानते हैं। यहां तक की जिन पर भीख और भिखारी का सिस्टम ठीक करने की जिम्मेदारी है वो DM साहब भी संतों की तरह भिखारियों को उपदेश दे रहे हैं। कहते हैं इंसान से नहीं भगवान से मांगो। अरे मांगना गलत है तो किसी से भी गलत होना चाहिए। चाहे भक्त भगवान से मांगे या फिर इंसान मांगे इंसान से।भगवान से मांगे तो पुण्य? इंसान से मांगे तो पाप? ये डबल स्टैंडर्ड क्यों है? DM साहब को भीख मांगने की मजबूरी मिटानी है। लेकिन वो भिखारी मिटा रहे हैं? फिर भी लोग इसे DM साहब का मानवीय चेहरा कह रहे हैं।