मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में वैक्सीन के ट्रायल के दौरान एक प्रतिभागी दीपक मरावी की मौत की खबर जब NDTV ने दिखाई तो उसके बाद इसपर कार्रवाई शुरू हुई और हंगामा मचा. फिर अगले दिन सरकार ने एक कमेटी बनाई, जिसने क्लिनिकल ट्रायल दफ्तर में दोपहर के 12 बजे से लेकर शाम के 3 बजे तक ट्रायल प्रोटोकॉल से जुड़ी दस्तावेजों की जांच की. परिजनों से बात किए बगैर शाम तक रिपोर्ट भी दे दी गई. लेकिन मौत के दो महीने बाद भी विसरा की रिपोर्ट नहीं आई है. परिजनों का ये आरोप है कि जो सहमति पत्र में हस्ताक्षर दिखाए जा रहे हैं वो दीपक के नहीं है.