सागर जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूर कुडारी ग्राम में राम रतन आदिवासी की कहानी मानवता को शर्मसार करने वाली है. रामरतन आदिवासी का बारिश में मकान गिर गया था जिसके बाद से वह अपने 9 साल के मासूम बच्चे हनुमत सहित श्मशान में रहने को मजबूर है. यह पिता पुत्र दोनों रात में श्मशान में सोते हैं तथा दिन में भी जब कोई काम नहीं होता तो यह आराम करने श्मशान चले जाते हैं.