Ek Minute Kavita: प्रेम और प्रतीक्षा की वेदना कहती विनोद कुमार शुक्ल की कविता - 'यह कहकर'. यह कहकर कि परिस्थितियाँ हमें अलग करेंगी तुम ख़ुद अलग हो गईं तुमने तो परिस्थितियों को अलग करने का मौक़ा ही नहीं दिया बरस बीत गए कि परिस्थितियाँ हमें मिला देंगी के रस्ते पर मैं खड़ा रहा