असम के डिब्रूगढ़ जिले की रहने वालीं रेखामोनी बोरा उषा स्कूल के कार्यक्रम के लिए चुनी गई थीं. उन्होंने बताया कि उनके पति किसान हैं. वह दिहाड़ी मजदूरी भी करते हैं. वह कहती हैं कि उन्हें हमेशा से टेलरिंग में दिलचस्पी थी. वह अपना कोर्स पूरा नहीं कर सकीं क्योंकि आने-जाने में दिक्कत होती थी. शादी के बाद उन्होंने उषा सिलाई स्कूल से ट्रेनिंग ली. ये कोर्स उनके लिए बहुत फायदेमंद था. बता दें कि उषा ने 2011 में देशभर में सिलाई स्कूल खोलने की शुरुआत की थी. 28 राज्यों और 8 केंद्रशासित प्रदेशों में उषा ने 23,265 स्कूल खोले हैं. 4,144 स्कूल उषा ने पार्टनरशिप में खोले हैं. इन सिलाई स्कूलों ने महिलाओं को आर्थिक बल दिया है.