कोरोना वायरस (Coronavirus) से दिल्ली दहल रही है और उसी दिल्ली (Delhi) में अब आईपीएल (IPL) हो रहा है. मरघट जैसे सन्नाटे में चलेगा पैसे का खेल. ऑक्सीजन और बेड खोजती राजधानी में कैसे लगेगी छक्कों-चौकों की बहार? पूछ रही है दिल्ली यह खेल है या इंसानियत की खिल्ली? ऐसा लगता है कि जहां-जहां नेताओं के हाथ पड़ते हैं, वो चीज किसी दूसरे ही ग्रह में चली जाती है. जैसे कि पश्चिम बंगाल में चुनाव, वहां किसी को कोई फर्क नहीं पड़ रहा. दिल्ली में फिरोजशाह कोटला का ग्राउंड है, और सारे स्पोर्टस की फैसिलिटीज हैं, जिनको खोलकर उनमें बिस्तर लगाए जा सकते थे. बीसीसीआई के पास अपार धन है. वो क्या पैसा इस काम में नहीं लगा सकता था?